हमारी प्रमुख अभिग्रहण नई क्षमताओं के निर्माण तथा इन्वेंट्री में कमी लाने पर केंद्रित है। रक्षा खरीद प्रक्रिया 2013 के प्रभावी होने से स्वदेषीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा। सेना ने जनरल स्टाफ गुणात्मक आवष्यकताओं (ळ ै फ त्) के विकास को सुव्यवस्थित करके अभिग्रहण संरचनाओं का संरेक्षण भी किया। संविदा समझौता समिति (ब् छ ब्) की स्थापना और प्रत्यायोजित वित्तीय शक्तियों के लिए एकीकृत वित्तीय सलाहकार शामिल किया जाए और प्रस्ताव (आर एफ पी) प्रकोष्ठ के अनुरोध को सुदृढ़ बनाया जाए। इन सभी उपायों ने प्रणाली को अधिक शक्तिषाली और कार्यक्षम बना दिया है।
वित्तीय वर्ष 2012-13 के दौरान, कुल 29 अनुबंधों (जिनमें 03 व् थ् ठ अनुबंध शामिल थे) संपन्न हुए। अधिप्राप्ति का कुल मूल्य 16332.20 करोड् रूपये (6132.17 करोड़ के व् थ् ठ अधिप्राप्ति) और कुल नकद राषि 764.41 करोड़ रूपये था।
वर्तमान वित्तीय वर्ष यानि 2013-14 के दौरान, कुल 18 संविदाएं (दो व् थ् ठ अनुबंधों सहित) पूरी की गई जो 11781.13 करोड़ रूपये ( त्ै 1632.17 करोड़ व् थ् ठ अनुबंध भी शामिल है) और 31 दिसम्बर 2013 तक कुल नकद आउट 121265.26 करोड़ रूपये था।
मैकेनाइज्ड फोर्स : भावी युद्धभूमि की आवष्यकताओं की पूर्ति के लिए मैकेनाइज्ड फोर्सेज़ का आधुनिकीकरण चल रहा है इस उद्देष्य की पूर्ति के लिए रात्रि युद्ध क्षमता, आधुनिक अग्नि नियंत्रण प्रणालियों तथा बेहतर ऊर्जा पैक जैसे सेवा उपकरणों के पहलुओं को उन्नत करना महत्वपूर्ण क्षेत्र रहा है साथ ही भावी लड़ाकू यान प्लेट फार्मो के स्वदेषी विकास की भी प्रगति की जा रही है।
तोपखाना: तोपखाना के उपकरणों की खरीद उपकरणों के 155 एम एम कैलीवर के रूपांतरण, निगरानी क्षमता बढ़ाने और दीर्घ श्रेणी के वेक्टर के अभिग्रहण पर केन्द्रित है रक्षा उपकरणों में आत्मनिर्भता की दिषा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में इलेक्ट्रनिक रूप में उन्नत 155 एम एम तोपो के लिए माँग पत्र आयुध फैक्ट्री बोर्ड को प्रेषित किया जा चुका है।
इन्फैन्ट्री: इन्फैन्ट्री सैनिकों के आधुनिकीकरण का उद्देष्य प्राणघाती दषा को सुधारना और व्यक्तिगत सुरक्षा प्रदान करना है। इस उद्देष्य के लिए आधुनिक असाल्ट राइफल्स, कार्बाइन बुलेट प्रूफ जैकेट के साथ बैलिस्टिक हेलमेट एवं हल्की मषीनगन की अधिप्राप्ति सहमति से प्रक्रियाधीन है। इसी प्रक्रिया में विषेष बलों के विषेष उपकरणों का भी अभिग्रहण किया जा रहा है।
सेना वायु रक्षा: सेना की वायु रक्षा कोर अपनी गन एवं मिसाइल प्रणालियों के उन्नयन में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है कई प्रकार के गुणात्मक उन्नयन की परियोजनाएं चल रही है जिनसे उपकरणों की गुणवत्ता उन्नयन और प्रवर्तन से पुराने उपकरणां को न सिर्फ बदला जा सकता है अपितु उनमें गुणात्मक सुधार लाकर वायु रक्षा कमान एवं रिर्पोटिंग प्रणाली के स्वचालन में भी प्रगति लाई जा रही है।
सामान्य उपकरण: विभिन्न हथियारों के लिए विषिष्ट अधिग्रहण उच्च गतिषीलता वाहनों का अधिष्ठापन सामग्री संचालन उपकरण और रेल संचलन के लिए महत्वपूर्ण रोलिंग स्टॉक प्रक्रियाधीन है। आधुनिकतम,सुविधाओं, पुर्नप्राप्ति और लेखा प्रणाली के साथ लॉजिस्टिक स्थापनाओं का आधुनिकीकरण भी चल रहा है।
रक्षा अनुसंधान संगठन के साथ:
तालमेल: सेना ने रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डी डी ओ) के साथ अपने पारस्परिक विचार विमर्ष में वृद्धि की है। गोला बारूद की जरूरतों को पूरा करने वाली परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि हम आत्मनिर्भता की ओर बढ़ सके।