कॅालेज आॅफ मैटेरियल्स मैनेजमेन्ट

 
1 कॅालेज आॅफ मैटेरियल्स मैनेजमेन्ट सी एम एम भारतीय सेना का एक प्रमुख प्रशिक्षण प्रतिष्ठान है जो कि रसद और आपूर्ति श्रंखला प्रबंधन के क्षेत्र में अध्ययन एव अनुसंधान कार्य में निपुण है। 1925 में पुणेे से एक पेशेवर प्रशिक्षण प्रतिष्ठान के रूप में स्थापित यह संस्थान 1930 में जबलपुर में स्थानांतरित हुआ। 
 
काॅलेज द्वरा प्राप्त कुछ मील के पत्थर । 
 
(ए) अस्थायी रूप से रानी दुर्गावती विष्वविद्यालय जबलपुर से संबद्धता। - 11 फरवरी 1988
 
(बी) विष्वविद्यालय अनुदान आयोग से स्वायत्त्ता प्राप्ती ।    - 01 जुलाई 1990
 
(सी)   स्थायी संबद्धता का अनुदान।    - 06 फरवरी 1998
 
(डी)   यूजीसी के धारा 2 (एफ) और 12 (बी) के तहत पंजीकरण।    - 05 नवम्बर 1992
 
(ई) वर्ष 2000 में गोल्डन पीकाॅक प्रशिक्षण अवार्ड (प्रशिक्षण) पुरस्कार।  - 1999
 
(एफ) राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड का प्रथम चरण मे।    - फाईव स्टार रेटिंग प्राप्त 
 
(जी) राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड द्वितीय चरण में    - ए ग्रेड 
(ततीय चरण प्रगति में है )
 
(एच)  राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एन बी ए) वर्ष     - 2021-2022 तक के लिए प्रदŸा   
 
(जे)   ए आइ सी टी ई द्वारा वार्षिक 90 सीटेां के साथ लाॅजिस्टिक्स    - 27 जून 2020
सप्लाई चेन मैनेजमेन्ट को मान्यता प्राप्त है।
 
(के) उच्च षिक्षा विभाग द्वारा (ए आइ एस एच ई) के सर्वे भारत    - 14 फरवरी 2022
सर्वेक्षण के अन्तर्गत (अपडेट किए गए प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध है)
 
2   कालेज द्वारा चलाये जा रहे पाठ्यक्रम की सूची । 
 
(ए) 03 पीजी डिग्री पाठ्यक्रम 
(बी) 03 पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम 
(सी) 15 यूजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम 
(डी) 15 पीजी प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम 
(ई) 03 यूजी प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम 
 
भूमिका 
 
3    सी एम एम आयुध कोर के सभी रैंकों के प्रषिक्षण में गुणवŸाा प्रदान करने मंे प्रमुख भूमिका निभाती है। यही प्रषिक्षण भारतीय सेना के सभी रंैको को युद्व एवं सामान्य परिस्थितियों मंे अपने कर्तव्यांें के निर्वाहन मंे निपुणता प्रदान करती है।   
 
4 कर्तव्यांें का अधिकारपत्र 
 
सी एम एम एक एकाडमिक केंद्र के रूप मे कार्यरत है जो सेना के जवानांे को विभिन्न विषयों मंे प्रषिक्षण प्रदान करता है जैसे कि समानों की सूची सहित विभिन्न प्रकार के रसद और आपूर्ति श्रखला प्रबंधन, विभिन्न विषयांे युद्ध-सामाग्री के अस्त्र-षस्त्र, लडाकू वाहन, रेडियो इलेक्ट्रौनिक्स, आॅप्टिक्स, आॅप्टो इलेक्ट्रौनिक्स, और सामान्य स्टोर्स एंव वस्त्र। यह संस्था मानव संसाधन प्रबन्धन, आपूर्ति श्रंखला प्रबन्धन और रसद आपूर्ति विषयांे में निम्न लिखित रैंको को प्रषिक्षण प्रदान करती हैः-
 
(ए) समस्त ए ओ सी अधिकारियों, जूनियर कमिषन अधिकारियों (जे सी ओ ), अन्य रैंक (ओ आर), रिकरूट्स और असैनिक।
 
(बी) समस्त शस्त्र एवं सेवा अधिकारियों, जे सी ओ एंव एन सी ओ क्वार्टर मास्टर ड्यूटीज़ ( सैनिक यूनिट स्तर पर मैटेरियल्स मैनेजमेन्ट) 
 
(सी)   सेना के विभिन्न अंगो के स्टोर कीपर।
 
(डी)   21 मित्र राष्ट्रों के अधिकारी और अन्य रैंक। 
 
(ई) वायु सेना, नौसेना, अर्ध सैनिक बलांे और राज्य संगठनों के चयनित अधिकारी।
 
(एफ) अतिरिक्त जिम्मेदारी- कॅालेज रक्षा कार्मिकों और असैनिको के लिए दूरस्थ षिक्षा कार्यक्रम के अन्तर्गत एम बी ए कोर्स संचालित करता है।
 
5 संचालन, नेतत्व और प्रबंधन संाविधिक निकाय हैं:-
 
(ए) शासी निकाय 
(बी) शैक्षणिक परिषद् 
(सी)    अध्ययन बोर्ड 
(डी) विŸा समिति
(ई)   योजना और मूल्यांकन समिति
(एफ) आई सी सी
(जी) सी ओ ए एस सुझाव पेटिका 
(एच) षिकायत निवारण प्रणाली
 
6   नज़रिया 
 
सेना आयुद्ध कोर के जवानो को ई आर पी प्रशिक्षित सामग्री प्रबंधक के रूप में तैयार कर भारतीय सेना को समर्पित करना।
 
7    मिशन
 
भारतीय सेना के जवानो एंव अधिकारियों को इस तरह से प्रशिक्षित करना की लाॅजिस्टिक्स प्रबंधन के क्षेत्र में भविष्य मे आने वाली चुनौतियांे एंव वर्तमान के ई आर पी युक्त वातावरण में निपुणता से अपने कर्तव्यों का र्निवाहन कर सकें। 
 
8 प्रषिक्षण दर्षन
 
कॅालेज पर्यावरण, आकंाक्षाओ और सेना की आवश्यक्ताओं को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक पाठयक्रम मे छात्रों का स्थिर व्यवहार तैयार करता है। छात्रों के स्थिर व्यवहार के अनुसार पाठयक्रम एंव दिषा निर्देष तैयार किये जाते हैं। तैयार किये गये निर्देषों का उद्देष्य होता है ज्ञान का अधिग्रहण, समस्याओ को सुलझाने की कौषलता मे निपुणता प्राप्त करना एंव पारस्परिक कौषल में सुधार लाना। 
 
9     प्रषिक्षण गतिविधियां 
 
सी.एम.एम सेना के जवानो एंव अधिकारियों को स्नातक षिक्षण स्तर से लेकर मास्टर डिग्री तक की षिक्षा प्रबंधन के क्षेत्र मे कार्य/षिक्षा प्रदान करता हैं । औसतन  प्रति वर्ष 1800 अधिकारियांे एंव 10800 जवानों को प्रशिक्षित करने की क्षमता रखता हैं।  जिसमंे सेना के विभिन्न अगों एंव पैरा सैन्य बल, वायु सेना बल एंव नौसेना के जवान भी सम्मिलित हैं। कॅालेज के अंतर्गत निम्न संकायो मे प्रशिक्षण कार्य किया जाता है । 
 
(ए)    उच्च आयुध प्रबंधन
(बी)    म्युनिसंस संकाय
(सी)    उपकरण एंव युद्ध मे प्रयोग होने वाले वाहनो का प्रशिक्षण संकाय 
(डी) आयुद्ध एंव रसद प्रबंधन संकाय (लाॅजिस्टिक्स)
(ई)     संगणक तकनीकी संकाय
 
10 अन्य गतिविधियां 
 
उपरोक्त गतिविधियों के अलावा यह कॅालेज रानी दुर्गावती विष्वविद्यालय से संबद्धता के अन्तर्गत, मार्केटिंग, फाइनेंस एंव मानव संसाधन विकास मे एम.बी.ए. की डिग्री प्रदान करता है ।
 
11     समझौता ज्ञापन 
 
कॅालेज ने आई. आई. आई. टी. डी. एम. जबलपुर के साथ एक समझौता ज्ञापन स्थापित किया जिसके अंर्तगत शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रो मं अनुसंसथान को प्रोत्साहित किया जायेगा।
 
12     सलाहाकार
 
एक प्रशिक्षण संस्थान होने के नाते सी.एम.एम ‘सामग्री प्रबंधन’ से जुडा हुआ है। कॅालेज 
 
निम्नलिखित क्षेत्रो में प्रमुख भूमिका निभाता हैः- 
 
(ए)     प्रबंधन की उभरती अवधारणा एंव दर्षन।
(बी)    सेना मे प्रचलित आयुध सेवा तकनीकी निर्देषों के विभिन्न महानिदेषकों का स्पष्टीकरण/संषोधन।
(सी) आयुध सेवाओं के तकनीकी संस्थानों के नए महानिदेषक का निर्माण। 
(डी)    सामग्री प्रबंधन कार्य। 
(ई)     विभिन्न क्षेत्रो में विभिन्न सामग्री प्रबंधन गतिविधियों से निपटने के लिए विभिन्न कार्यात्मक प्रक्रियाओं में संषोधन ।
(एफ)  विभिन्न आयुध क्षेत्रो द्वारा सामना किये जा रहे समकालिन समस्याओं का निवारण ।
 
13     परियोजनाएॅ और संगठनात्मक सुधार
 
(ए) सामग्री प्रबंधन का मुद्रण- ए. आ.े सी. का व्यवसायिक जर्नल। सी. एम. एम. एक रक्षा संस्थान होने  के कारण, षिक्षकों और छात्रों को अपने काम को केवल विषिष्ट पत्रिका में प्रकाषित करने की अनुमति प्रदान करता हैं। सेना में प्रतिबंधित होने के कारण जहाज पर या बाहर कागजात भेजने की अनुमति नही है। काॅलेज ‘सामग्री प्रबंधक’ शीर्षक से एक द्वि-वार्षिकी पत्रिका प्रकाषित करता है। यह देष में बडी संख्या में संस्थानों और विभिन्न रक्षा इकाइयों को वितरित किया जाता हैं। काॅलेज ने मैनेजमेंट स्टड्ीज से संबंधित कुछ पैम्फलेट और किताबंे भी प्रकाषित की हैं।
 
 
(बी) मित्रवत पड़ेासी देष- (एफ एफ सी) प्रशिक्षण- इस काॅलेज में संचालित कई पाठ्यक्रमों मंे मित्र देषों द्वारा सदस्यता ली जा रही है। यह एसोसिएषन, एक दूसरे के सषस्त्र्ा बलांे के कामकाज पर ज्ञान प्राप्त करने के लिए मंच प्रदान करने के अलावा, देषो के बीच स्वस्थ संबंधों को बढ़ावा देने और दीर्घकालिक राष्ट्रीय हितों को मजबूत करने में मदद करता है।   
 
(सी)   आर्मामंेंट टेक्नोंलाॅजी विभाग (डी ओ ए टी)- जबलपुर की आधुनिकीकरण परियोजना में हाल ही मे एक नए परिसर का निर्माण किया गया है। और नए डीओएटी परिसर मे कक्षाएं संचालित की जा रहीं हैं। 
 
(डी)    कंप्यूटर आधारित प्रशिक्षण- इन पैकेजों का उपयोग आयुध हथियारों और कार्यात्मक प्रक्रियाओं के जटिल डिजाइन और कार्यप्रणाली के अनुकरण, प्रदर्षन और व्याख्या में किया जाता हैं।
 
(ई)      संकाय विकास कार्यक्रम (एफ डी पी)- प्रत्येक संकाय में साप्ताहिक आाधर पर संकाय विकास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। केंद्रीय एफडीपी नियमित रूप से महीने में कम से कम दो बार आयोजित की जाती है। 
 
(एफ) सेमिनार, वेबिनार और अतिथि द्वारा व्याख्यान- आई आई एम (लखनऊ, बैंगलोर, इंदौर) एक्स एल आर आई जमषेदपुर के अतिथि संकायों द्वारा चल रहे प्रशिक्षण के पूरक और आपूर्ति के क्षेत्र में नवीनतम अवधारणाओ को आत्मसात करने के लिए कई सेमिनार, वेबिनार और अतिथि व्याख्यान आयेाजित किए जाते हैं। हम सैन्य इंजीनियरिंग, पुणे मिलिट्री काॅलेज आॅफ टेलीकम्युनिकेषन महू, मिलिट्री काॅलेज आॅफ इलेक्ट्रिकल एड मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिकंदराबाद, डी आर डी एल हैदराबाद के साथ साक्षात्कार करते हैं।
 
14    डिज़ाइन क्षमता
 
कॅालेज आॅफ मैटेरियल्स मैनेजमेन्ट 150 अधिकारियों, अधिकारी रैंक से नीचे के 900 कर्मियों और इसके अलावा 100 असैनिकों को प्रशिक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया हैं। (एक समय सीमा मे कुल 1200 छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करने की क्षमता रखता हैं)।
 
15 षिक्षण संकाय
 
तैनात प्रषिक्षकों का एक वर्ग जो कि काॅलेज के शिक्षण संकाय की ताकत है वह रानी दुर्गावती विष्वविद्यालय के प्रोफ्रेसर/व्याख्यान और आई आई आई टी डी एम से भी समझौता ज्ञापन के तहत है। सभी प्रोफेसर पी एच डी योग्यता प्राप्त हैं। वे सक्रिय रूप से संस्थान मे वरिष्ठ पाठ्क्रमों का मार्गदर्षन, षिक्षण और सलाह प्रदान करते हैं।