स्थापना
1. ऑफिसर प्रशिक्षण अकादमी की स्थापन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उस सम्य की गई जब सेना में कमीशन के लिये चयनित भारतीयों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता पडी। सन 1942-45 तक भारत में कुल सात ऑफिसर प्रशिक्षण स्कूल स्थापित किये गये अपितु युद्ध के बाद इन्हें बन्द कर दिय गया था। अक्तूबर 1962 में चीनी आक्रमण के दौरान राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया गया और भारतीय सेन में अधिकारियों की आपातकालीन कमीशनिंग के लिये जनवरी 1963 में मद्रास और पूना में दो ऑफिसर प्रशिक्षण स्कूल स्थापित किये गये। 09 मई 1964 को पूना में स्थापित प्रशिक्षण स्कूल को बन्द कर दिय गया जबकि मद्रास में स्थापित स्कूल क संचालन जारी रखा गया।
स्थान
2. ऑफिसर प्रशिक्षण अकादमी का परिसर 673.34 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। अडयार नदी द्वार द्विभाजित ऑफिसर प्रशिक्षण अकादमी चेन्नई अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बगल में है। यह अकादमी चेन्नई रेलवे स्टेशन से सेंट्रल कि मी की दूरी पर स्थित है। अकादमी के पास ही ऐतिहासिक एवं प्रतिष्ठित सेंट थॉमस माउंट और रोमन कैथोलिक चर्च स्थित हैं। सेंट थॉमस माउंट चर्च प्रभु यीश मसीक के केंद्रीकरण अनुयोगियों में से एक सेंट थॉमस को समर्पित है, जो इस स्थान पर 72 ईसवी में शहीद हुए थे। यह छावनी को 18 वी शताब्दी में भी मद्रास प्रेसीडेंसी क एक महत्वपूर्ण गढ माना जाता था। इसी स्थान पर फ्रांस – ब्रिटिश के मध्य 07 फरवरी 1759 को एक भयंकर युद्ध लडा गया। इसके बाद दिसम्बर 1774 में यहाँ पर छावनी स्थापित की गई। 1815 में बनाई गयी ऑफिसर मेस यहाँ की सबसे पुरानी इमारतों में से एक है।
शुरूआत और विकास
3. सितम्बर 1962 में ऑफिसर प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना मद्रास में की गई थी और 442 युवा प्रशिक्षुओं के साथ पहले आपातकलीन कमीशन कोर्स (EC) क प्रशिक्षण 15 जनवरी 1963 को शुरू किया गया। पहले कमाण्डेंट ब्रिगेडियर राम सिंह बने और तत्कालीन स्टील और भारी उद्दोग मंत्री श्री सुब्रमणियम ने औपचारिक रूप से ऑफिसर प्रशिक्षण स्कूल क उदघाटन किया। उनके प्रेरणादायी शब्द इस प्रकार थे – “ मुझे इसमें कोई सन्देह नहीं हैं कि जब इतिहास लिखा जायेगा, तब यह कहा जायेगा कि आज के हमारे नौजवान इस चुनौती पर खरे उतरे और वे हमारे म्हान राष्ट्र की रक्षा के लिए हजारों की संख्या में आगे आए।”
4. आपातकालीन कमीशन कोर्स अप्रैल 1965 तक जारी रहा और अक्तूबर 1965 में अंतिम आपातकलीन कोर्स उत्तीर्ण हुआ। 1965 के पश्चात ऑफिसर प्रशिक्षण स्कूल में पुरूष प्रशिक्षुओ को शॉर्ट सर्विस कमीशन के लिए प्रशिक्षित किया जाने लगा। इसी योजना में केन्द्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के श्रेणी 1 और 2 के राजपत्रित अधिकारियों को भी शामील किया गया। यह योजना 1968 में समाप्त हुई और उस समय तकनीकी हथियारों और सेवाओ के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन कोर्स शुरू किये गए। प्रशिक्षण के तौर तरीके सुधारणे के लिए 70 के दशक में कुछ अनिवार्य इमारतेम जैसे तरणताल, सभागर, विज्ञान ब्लॉक और प्रयोग्शालायें , ड्रिल स्क्वयर , कैडेट्स मेस, हथियार प्रशिक्षण शेड निर्मित किये गये। आवास और अन्य प्रशिक्षण सुविधाओं की भारी कमी होने के बावजूद भी ऑफिसर प्रशिक्षण स्कूल ने स्पेशल लिस्ट ऑफिसर कोर्स क्रमांक -1 को 1970 में और क्रमांक -2 को 1973-74 में सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
ऑफिसर प्रशिक्षण अकादमी में राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी विंग
5. 1975-76 के दौरान ओ टी एस में सफ़ल हुए अतिरिक्त एन डी ए उम्मीदवरोंके प्रशिक्षण के लिए तीन वर्ष के डिग्री कोर्स के लिए एन डी ए विंग क उद्घाटन एक विशेष घटना थी। इस पाठयक्रम को चलाने के लिए परिसर की उपयुक्ता को आंकने के लिए जवहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की एक विशेष समिति ने ओ टी एस क दौरा किया। जे एन यू विशेषज्ञ समिति द्वारा निर्धारित मापदण्डों को पूरा करने के पश्चात नियमित कोर्स क्रमांक – 55 क प्रशिक्षण जुलाई 1977 से शुरू हुआ।
मैत्रीपूर्ण विदेशी देशों से अधिकारी कैडेट्स
6. भारतीय अधिकारी कैडेट्स के अलावा अकादमी में मित्र देशों कैडेट्स को भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। 1971 में पहली बार श्रीलंका के केकी जी सी ने भारतीय तकनीकी और शैक्षिक सहयोग (आई टी ई सी) कार्यक्रम के अन्तर्गत अकादमी में प्रशिक्षण शुरू किया। श्रीलंका, युगांडा, लेसो थो, सेशेल्स, जमैका, फिजी, टोंगा, भूटान, मालदीव्स और अफगानिस्तान जैसे देशों के अधिकारी कैडेट्स को इस अकादमी में प्रशिक्षित किया गाय है। अब तक 525 से अधिक विदेशी कैडेट्स अकादमी से पास आउट हो चुके है।
रोशानी
7. 1987 मे ओ टी ए गीत “रोशनी’ को सुबेदार एस पी गौतम, कैडेट्स और अधिकारियों के संयुक्त प्रयासों से तैयार किया गया था। बाद में तत्कालीन कमाण्डेंट मेजर जनरल एन विश्वानाथन द्वारा इसे अंतिम रूप दिया गया।
ओ टी एस को ओ टी ए के रूप में नामकरण
8. ऑफिसर प्रशिक्षण स्कूल का नाम बदलकर ऑफिसर प्रशिक्षण अकादमी करने के लिए 1988 में अकादमी की रजत जयती के अवसर पर अनुमोदन प्राप्ति हुआ था। इससे अकादमी भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के समकक्ष हो गई।
तत्कालीन राष्ट्रपति श्री आर वेंकटरामन द्वारा कलर प्रदान-अगस्त 1990
9. महामहिम श्री वेंकटरामन ने अगस्त 1990 में अकादमी का दौरा किया और अकादमी को प्रतिष्ठित कलर (निशान) प्रदान किया। श्री आर वेंकटरामन ओ टी ए चेन्नई का दौरा करने वाले प्रथम राष्ट्रपति थे। यह ओ टी ए के लिए बडी उपलब्धी थी जिसने ओ टी ए को अन्य अकादमियों के समकक्ष कर दिया और भारतीय सेना में अकादमी के योगदान को पहचान मिली। ऑफिसर प्रशिक्षण अकादमी को 18 अगस्त 1990 को प्रतिष्ठित कलर प्रदान किया गया। यह सम्मान राष्ट्र की रक्षा में ओ टी ए चेन्नै के योगदान को दर्शाता है और नई पीढी को देश सेवा के लिए प्रेरित करता है।
महिला अधिकारियों को सेना में सम्मिलित करना
10. 1992 में ओ टी ए चेन्नै भारतीय सेना में महिला कैडेट्स को प्रशिक्षित करने और कमीशन करने वाला पहला और एकमात्र संस्थान बना। इस प्रतिश्ठित अकादमी ने अब तक लगभग 2000 महिला कैडेट्स को प्रशिक्षित कर भारतीय सेना में भेजा है।
कंप्यूटर लैब
11. ओ टी ए की प्रमुख उपलब्धियों में से एक वर्ष 1999 में स्मार्ट क्लास के साथ अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब की स्थापना और कैडेट्स के कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए 51 पेंटियम कंप्यूटर और अन्य संबंधित उपकरणों को खरीदा। दोनों बटालियनों और अकादमी की लगभग सभी शाखाओं और विभागों को जोडने वाले 27 नोड्स के साथ एक लोकल ऐरिया नेटवर्क स्थापित किया गया जो अकादमी के पूर्ण ऑटोमेशन के लिए कारगर सिद्ध हुआ हैं।
चेन्नै: ओ टी ए का स्थायी स्थान
12. 1962 में ओ टी ए की स्थापना के बावजूद, 1999 में सरकार द्वारा ओ टी ए को चेन्नै मे स्थायी रूप से स्थित करने के निर्णय को मंजूरी दी गयी। वर्ष 2000 में ओ टी ए के “की लोकेशन प्लान” को मंजूरी दी गयी। तत्पश्चात अकादमी के बुनियादी ढ़ांचे के विकास में तेजी आयी। उसके उपरांत अकादमी में प्रशिक्षु अधिकारियों की संख्या 500 से बढकर 750 कर दी गई। उस समय तक कैडेट्स मेस, हथियार प्रशिक्षण संबंधी सुविधाएँ, ओबस्टिकल प्रशिक्षण कोर्स, आधुनिक धुलाईघर, कोत, लेक्चर हॉल, पुस्तकालय, कैडेट्स निवास स्थान, सभागार, शारीरिक प्रशिक्षण शेड, घुडसवारी क्षेत्र और ल्हेल क मैदान क कार्य भी पूर्ण हो चुका था।
वीरता पुरस्कारों का विवरण इस प्रकार है:-
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पद |
संख्या |
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परम वीर चक्र |
01 |
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अशोक चक्र |
08 |
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महावीर चक्र |
10 |
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कीर्ति चक्र |
20 |
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वीर चक्र |
63 |
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शौर्य चक्र |
118 |
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सेना मेडल |
579 |
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युद्द सेवा मेडल |
22 |
यूनिट प्रश्स्ति पत्र
20. अकादमी को इसके उत्कृष्टौर अनुकरणिय प्रदर्शन के ले सेना दिवस 2022 के अवसर पर जी ओ सी-इन-सी आर्ट्राक (GOC-in-C-ARTRAC) यूनिट प्रश्स्ति पत्र से सम्मनित किया गया है।
खेलखूद
21. अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी के पूर्व अधिकारी ने खेलों में भी अपनी पहचान बनाई हैं। 1973 में बटालियन अंदर अफसर हरचरण सिंह एंसटेर्डम में विश्व कप हॉकी चैम्पियनशिप में भाग लेने वाली भारतीय हॉकी टीम के चमकते प्रतिभावन खिलाडियों में से एक थे। बाद में उन्होंने 1976 के ओलिंपिक में भारत क प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1981 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कप्तान रोमियो जेस्म ने लॉस एंजेल्स ओलिंपिक में स्टार गोल कीपर के रूप में भारतीय हॉकी टीम क प्रतिनिधित्व किया।
22. वर्ष 1983 में ओ टी एस पोलो टीम ने 61 कैवलरी को भारी अंतर से हराकर मद्रास गोल्ड कप जीता। टीम ने ‘ग्रैंड कोलंका कप’ भी जीता, जिसका विश्व में ऊँचे कप में ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डस’ में अनूठास्थान है। अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी के जे सी रोहित दागर ने नेज़ोलेबियल से सेक दिसंबर 99 तक चेन्नै में आयोजित ‘राष्ट्रीय घुडसवारी चैम्पियनशिप’ में 3 स्वर्ण और औरंगज़ेब रजत पदक जीते। ओ टी ए टीम ने ‘टेंट पेगिंग’ प्रतियोगिता में भी कांस्य पदक जीता। 2019 में मेजर नेहा भटनागर ने दक्षिण रिज मार्ग से माउंट एवरेस्ट पर चढने में भारतीय सेना का नेतृत्व किया।
ओ टी ए एल्यूमनी एसोसिएसन
23. स्थापना ओ टी ए एल्यूमनी एसोसिएसन की स्थापना 2000 में तत्कालीन कमाण्डेंट मेजर जनरल जी एच इसरानी, वी एस एम द्वार की गई थी।
24. सदस्यता 15 नवंबर 2022 तक इसके 8935 सदस्य हैं। फॉरेन एल्यूमनी को भी मानद सदस्यता दी जा रही है।
25. क्षेत्रीय केंद्र निर्वाचित समन्वयकों के साथ दिल्ली (एन सी आर), छडिगढ, पूना, कल्कत्ताऔर भोपाल में क्षेत्रीय केन्द्र स्थापित किए गए है।
26. गतिविधियाँ प्रत्येएक वर्ष सितम्बर महीने में वार्षिक एल्यूमनी जनरल बॉडी मीट होता है और इसके बाद एल्यूमनी डिनर भी आयोजित किया जाता है। स्वर्ण जयंती और रजत जयंती कोर्स क रीयूनियन का भी आयोजन होता है।
यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग
27. 23 सितम्बर 2019 को तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत पी वी एस एम, यू वाई एस एम, ए वी एस एम, वाई एस एम, एस एम, वी एस एम, ए डी से ने कमीशन अधिकारी बनाने के लिए सेवारत सैनिकों की आकांक्षाओं को पोषित करने के लिए यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग (YTW) का उद्घाटन किया।