एसीसी विंग 2013 में, सियाचिन बटालियन का नाम बदलकर पुन: एसीसी विंग कर दिया गया और इसने एन डी ए जैसे आईएमए के फीडर संस्थान के रूप में कार्य करना जारी रखा। बटालियन कमांडर के पद को समाप्त कर दिया गया और एसीसी विंग की कमान एक ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी, विंग कमांडर को सौंपी गई। कम्पिनियों की कुल संख्या समान रही। सैन्य तथा अकादमिक प्रशिक्षण की समग्र कमान अब विंग कमांडर के हाथ में है । विंग स्तर पर सभी खेल और पेशेवर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। वर्ष 2020 में, एसीसी विंग भारतीय सैन्य अकादमी के उत्तरी परिसर में कोलिन्स एंड किंग्सले ब्लॉक में स्थानांतरित हो गया। अच्छे बुनियादी ढांचे की उपलब्धता भविष्य के सैन्य नेताओं को आकार देने में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
सैन्य और शैक्षणिक प्रशिक्षण में परिवर्तन वर्ष 2020 में, एसीसी कैडेटों को भविष्य के सैन्य अभियानों के लिए तैयार करने और उन्हें सैन्य-विषयों में कुशल बनाने के उद्देश्य से सैन्य-प्रशिक्षण को सेक्शन-स्तर से प्लाटून-स्तर की रणनीति में उच्चीकृत करके एक आदर्श बदलाव लाया गया । इसके अलावा, सैन्य-कॅरियर में भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए अकादमिक पाठ्यक्रम में मैंडरिन भाषा को शामिल किया गया । कैडेटों के समग्र व्यक्तित्व को बढ़ाने के लिए, सॉफ्ट स्किल और लीडरशिप कैप्सूल को भी प्रशिक्षण-पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में शामिल किया गया ।
मंडारिन भाषा प्रयोगशाला एसीसी विंग के कैडेटों के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में एक विदेशी भाषा के रूप में मंडारिन को शामिल किया गया है। भाषा सीखने को सुदृढ़ करने के लिए, अत्याधुनिक मंडारिन भाषा प्रयोगशाला के निर्माण की अवधारणा की गई थी। यह लैब 43 वर्क-स्टेशन के साथ भारतीय सेना में की सबसे बड़ी प्रयोगशाला है । आवश्यक नेटवर्किंग घटकों को 11 दिसंबर 2021 को स्थापित किया गया था। लैब में नवीनतम भाषा सीखने की गतिविधियां उपलब्ध हैं जिसमें बोलने और सुनने की समझ के संयोजन वाले ट्यूटोरियल रखे गए हैं। इसके अलावा, इस प्रयोगशाला के अभिन्न अंग के रूप में चीन और तिब्बत से संबंधित सभी दृश्य-श्रव्य सामग्री और वृत्तचित्रों के साथ एक मिनी चाइना लाइब्रेरी का गठन किया गया है। 11 दिसंबर 2021 को भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद द्वारा प्रयोगशाला का दौरा किया गया और उसकी सराहना की गई।
नवाचार प्रयोगशाला अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के बारे में जागरूकता पैदा करने और जिज्ञासा, रचनात्मकता और नवाचार की भावना पैदा करने के उद्देश्य से, वर्ष 2021 में एसीसी विंग के तत्वावधान में आईएमए में एक नवाचार प्रयोगशाला स्थापित की गई थी। यह क्लब गतिविधियों के संचालन के लिए नोडल हब के रूप में कार्य करता है। यह, कैडेटों को विचार करने, अपने ज्ञान के अनुप्रयोग और उन्हें अपने कल्पनाशील और नवीन विचारों को आकार देने के लिए एक मंच प्रदान करता है । 11 दिसंबर 2021 को भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने प्रयोगशाला का दौरा किया।
उपलब्धियां दिसंबर 2021 में, ए सी सी -116 पाठ्यक्रम के जैन्टलमैन कैडेट अनमोल गुरुंग को शरद सत्र 2021 के दीक्षान्त परेड के दौरान प्रतिष्ठित 'स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर' और प्रतिष्ठित राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था। ए सी सी विंग के पिछले 36 वर्षों के इतिहास में यह अवसर था जब एक ए सी सी कैडेट दोनों सम्मान, 'स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर' और राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक के साथ पास आउट हुआ। ।