इंजीनियर्स कोर

  • इंजीनियर कोर भारतीय सेना के सबसे पुराने सेनागों में शामिल है।  इस कोर की उत्पत्ति गाथा 1780 से आरंभ होती है जब मद्रास सैपर्स की दो नियमित कंपनियों की स्थापना की गई।   तत्पश्चात् ग्रुप ऑफ मद्रास, बंगाल एवं बाम्बे सैपर्स की स्थापना की गई तथा बाद में 18 नवम्बर 1932 को इनका विलय करके वर्तमान समय के इंजीनियर कोर की स्थापना की गई।

  • इंजीनियर कोर के चार प्रमुख अंग है  - कॉम्बैट इंजीनियर्स, एम ई एस, बार्डर रोड्स तथा सैन्य सर्वेक्षण ।  

  • युद्ध के दौरान, कॉम्बेट इंजीनियर पुल, ट्रैक एवं हेलीपैड बनाकर अपनी सेवाओं को गतिशीलता प्रदान करते हैं, दूसरी ओर यह कोर बारूदी सुरंगे बिछाकर एवं पुलों को ध्वस्त करने जैसी बाधाएँ उत्पन्न करके दुश्मन द्वारा इन्हें प्रयोग किए जाने को नामुमकिन करते हैं।

  •  इंजीनियर कोर का इतिहास बहादुरी एवं पराक्रम से ओतप्रोत है। इस कोर के जनरल पी एस भगत दितीय विश्व युद्ध में विक्टोरिया क्रॉस अर्जित करनेवाले पहले भारतीय अफसर थे।  इसी विश्व युद्ध में सूबेदार सुब्रमण्यम को पहला जार्ज क्रॉस प्रदान किया गया।  बाद में, स्वतंत्रता प्राप्ति के तत्काल बाद कश्मीर ऑपरेशन के दौरान मेजर आर आर राणे ने एक टैंक के आगे रेंगते हुए दुश्मन के बारूदी सुरंगो के बीच से रास्ता बनाया जिसके लिए उन्हें परमवीर चक्र से नवाजा गया।

  • इंजीनियर यूनिटो को संयुक्त राष्ट्र मिशनों के अंग के रूप में विदेशों में भी तैनात किया जा चुका है।   इन यूनिटों ने पुलों का निर्माण करके, संचार व्यवस्था बहाल करके एवं बहुत से मानवीय कार्यों को अंजाम देकर देश का नाम रौशन किया है।

  • सैन्य इंजीनियरिंग सेवा जो इस कोर का एक महत्वपूर्ण अंग है ने राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाई है।  यह न केवल तीनों सेनाओं, अर्थात् सेना, नौसेना एवं वायुसेना को एम ई एस कवर प्रदान करती है, बल्कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, केन्द्रीय विधालय संगठनएवं आयुद्ध निर्माणियों को भी अपनी सेवाएं उपलब्ध कराती है।   बीते समय में इसके द्वारा कई प्रतिष्ठित एवं समयबद्ध प्रोजेक्ट्स को पूरा किया गया है।

  • सीमा सड़क संगठन ने राष्ट्रीय राजमार्गों, एयर फील्ड्स, बिल्डिंगो एवं पुलों का निर्माण करके राष्ट्र के प्रति अपना योगदान दिया है।  इस संगठन ने हिमालय पर्वत, राजस्थान एवं उत्तर पूर्वी राज्यों के कभी अगम्य माने जाने वाले क्षेत्रों में कई सड़कों का निर्माण करके उन क्षेत्रों के आर्थिक विकास में काफी योगदान दिया है। 

  • अपने आदर्श वाक्य ‘सर्वत्र’ को चरितार्थ करते हुए इंजीनियर कोर ने युद्ध एवं शांतिकाल में की गई विविध गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन किया है।  शांतिकाल के दौरान बाढ़ एवं भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में सैपर्स सिविल प्रशासन को सहायता प्रदान करने में सदैव अग्रणी रहे हैं।  इंजीनियर यूनिटें जम्मू एवं कश्मीर एवं उत्तर पूर्वी क्षेत्रों में चलाए गए प्रति विद्रोहिता ऑपरेशनों में भी शामिल रही है।