आधारभूत संरचना

 
१.     आर्मड कोर केन्द्र एवं स्कूल में युवा और अनुभवी दोनों तरह के सैनिकों के प्रशिक्षण के लिए एक बहुत अच्छी तरह से विकसित बुनियादी प्रशिक्षण ढाँचा है। बुनियादी ढाँचे में बख़्तरबंद युद्ध के तीनों मुख्य भागों युद्धाभ्यास, फायर पावर और सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं में टैंक कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए ओपन रेंज शामिल है।  कर्जुने खारे (के के ) रेंज में मुख्य तोपों और द्वितीयक आयुधों की फायरिंग के लिए जरूरी खुली जगह मौजूद है। कोपरवादी प्रशिक्षण एरिया एक अन्य प्रशिक्षण क्षेत्र है, जहाँ पर टैंक कर्मियों को उनके कैरियर के विभिन्न चरणों में युद्धाभ्यास का प्रशिक्षण दिया जाता है। बड़ी संख्या में सिमुलेटर भी खरीदे गए हैं और टैंक युद्ध के सभी पहलुओं में यथार्थवादी और कुशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए उपयोग में लाये जा रहे हैं। सभी स्कूलों, विंगों और रेजीमेण्टों में भी बड़ी संख्या में कट मॉडल मौजूद हैं जिनका उपयोग सभी प्रशिक्षुओं को गहन प्रशिक्षण देने के लिए किया जाता है।बड़ी संख्या में प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं भी स्थापित की गयी हैं, जो प्रशिक्षकों की प्रभावशीलता में सुधार के लिए आधुनिक बुनियादी ढाँचे से लैस हैं। क्लास रूम को नवीनतम् आई टी सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है और साथ ही कैंपस वाइड एरिया नेटवर्क के निर्बाध और सुरक्षित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए आर्मड कोर केन्द्र एवं स्कूल में एक अत्याधुनिक डाटा सेंटर स्थापित किया गया है।  
 
 
     
कर्जुने खारे (के. के.) रेंज
 
 
 
२.     प्रशिक्षण संरचना के आधुनिकीकरण के रूप में निम्नलिखित विकास कार्य किए गए हैं:- 
 
(क)     तकनीकी प्रशिक्षण के लिए प्रयोगशालाएं:-      कोर्सों के सुचारू संचालन के लिए निम्नलिखित प्रयोगशालाएं बनाई गयी हैं:-
 
(अ)     मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और न्यूमेटिक्स
 
(आ)    आई क्यू टी, ए आई और मिनी ड्रोन 
 
(इ)     रोबोटिक्स 
 
(ई)     एस डी आर ट्रेनर 
 
(उ)     सिम्युलेशन एंटीना ट्रेनर 
 
(ऊ)    इंजीनियरिंग ड्राइंग प्रयोगशाला 
 
(ऋ)     लघु कार्यशाला 
 
(ऌ)     ३ डी प्रिंटर
 
(ख)     तकनीकी पुस्तकालय: - सभी विंगों में तकनीकी पुस्तकालय स्थापित किए गए हैं। ये सभी छात्रों द्वारा प्रस्तुत आर्मड फाइटिंग व्हीकल्स तकनीक और परियोजना से संबंधित विभिन्न शोध पुस्तकों और पत्रिकाओं का संग्रह है। इन पुस्तकालयों को नियमित आधार पर नवीनतम् बनाए रखने के लिए ठोस प्रयास किए जाते हैं। संदर्भ सामग्री के रूप मे कोर्स छात्रों तक आसान पहुँच के लिए सभी प्रोजेक्ट्स को डिजिटल प्रारूप मे परिवर्तित कर दिया गया है।
 
(ग)     स्वाध्ययन कक्ष:- इन कक्षों का उपयोग कोर्स छात्रों द्वारा जनरल प्रिंसिपल (जी पी)से संबंधित व्याख्यानों की तैयारी/अध्ययन के लिए किया जाता है। यह कक्ष जी पी से सम्बंधित सभी विषयों की हार्ड एवं सॉफ्ट कॉपियों से सुसज्जित है। जे सी ओ साहिबान को ओपन सोर्स अध्ययन करने में सक्षम बनाने के लिए इंटरनेट कनैक्शन के साथ कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए हैं। 
 
(घ)     स्कैनर के साथ ३ डी प्रिंटर:-  कोर्स छात्रों को उनकी परियोजनाओं/आविष्कारों के कार्यात्मक प्रतिरूप बनाने के लिए सभी विंगों द्वारा ३डी प्रिंटर उपलब्ध कराए गए हैं।
 
 
   
 

स्मार्ट क्लास रूम                                                            कंप्यूटर लैब

 

 
 
 
३.     प्रशिक्षण को प्रभावशाली बनाने के लिए प्रशिक्षण केन्द्र के द्वारा निम्नलिखित सुविधायें प्रदान की गयी हैं:-
 
(क)     मिनी ट्रेनिंग एरिया में बख़्तरबंद वाहनों और गाड़ियों के लघु प्रारूपों का बंदोबस्त किया गया है ताकि वाय ओ, रैकी और टी सी सी कोर्सों के प्रशिक्षु व्यावहारिक प्रशिक्षण भली भाँति प्राप्त कर सकें।
 
(ख)     एफ ई लैब एवं सी बी आर एन के प्रोग्राम योग्य सिम्युलेटर की व्यवस्था की गयी है।
 
(ग)     आउटडोर एक्सर्साइज़ के दौरान प्रशिक्षुओं को वास्तविक आई एस आर प्रशिक्षण देने के लिए अतिरिक्त क्वाडकॉप्टर प्रदान किए गए हैं। 
 
(घ)     जी आई एस के लाइसेंस वाले संस्करणों को जी आई एस प्रशिक्षण (इलाक़े के मूल्यांकन) के लिए अधिग्रहीत किया गया है, जो कि सभी सामरिक कोर्सों में उपयोग में लाया जाता है। 
 
(ङ)     पाठ्यक्रम में ऑफ द शेल्फ वारगेमिंग सॉफ्टवेयर “स्टील बीस्ट” को सम्मिलित किया गया है। 
 
(च)     “संग्राम” ऑटोमेटेड वॉरगेमिंग मॉड्यूल, जो पहले ओ आर टी एक्सर्साइज़ सैटिंग पर आधारित था, अब डैज़र्ट एक्सर्साइज़ सैटिंग को भी पूरा करने के लिए अपग्रेड किया गया है। 
 
(छ)     रैकी कोर्स के लिए एक कठोर सर्वाइवल प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है।
 
(ज)     सभी प्रमुख एक्सर्साइज़ फोर्स ऑन फोर्स मॉडल पर आयोजित किए जाते हैं।
 
 
 

    

सैंड मॉडल                                                                  स्टील बीस्ट

 

 

 

४.     प्रशिक्षण एवं संरचना:- प्रशिक्षण सामग्री को प्रभावशाली बनाने के लिए, प्रशिक्षण के बुनियादी ढाँचे में वृद्धि एवं परिवर्तन किए गए हैं जो निम्न प्रकार हैं:-
 
(क)     टी-९० और ए एल एस के ऑटोमोटिव पहलू के लिए वर्चुअल सिम्युलेटर: - टी-९० और ए एल एस के ऑटोमोटिव पहलू के लिए वर्चुअल सिम्युलेटर स्थापित किया गया है जिसमें छात्र अधिकतम प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए कट मॉडल के साथ जटिल प्रणाली और उप-प्रणाली की कल्पना कर सकते हैं। 
 
(ख)     टूल एवं लुब्रिकेंट कक्ष:-   टूल एवं लुब्रिकेंट कक्ष की स्थापना आर्मामेंट और ऑटोमोटिव विंग में की गयी है। 
 
(ग)     नैविग कक्ष:- ए एल एन एस के संचालन पर व्यापक प्रशिक्षण देने के लिए ए एल एन एस नैविग कक्ष की स्थापना ऑटोमोटिव विंग में की गयी है।
 
(घ)     अनुभागीय कट मॉडल की खरीद:- नए अनुभागीय कट मॉडल एम सी बुलेट और ए एल एस मार्क-IV खरीदे गए हैं और प्रशिक्षण एड के रूप में स्थापित किए गए हैं। 
 
(ङ)    टी टी सी विंग की स्थापना:- टी टी सी कोर्स की शिफ्टिंग पूरी हो चुकी है और जून २०२१ को सी ओ ए एस आर्मी ट्रेनिंग कमान लेफ्टिनेंट जनरल जे एस संधू, ए वी एस एम द्वारा इसका निरीक्षण किया गया गया था। जनरल ऑफिसर ने टी टी सी क्लास रूम, इंजीनियरिंग लैब और टेक्निकल लैब का दौरा किया। इसके उपरांत ०२ फरवरी २०२२ से टी टी सी- ५० कोर्स प्रारंभ हुआ। 
 
 
 
      
कट मॉडल                                                                    सिम्युलेटर