विश्व रिकॉर्ड

तोपखाना स्कूल : आर्मी एडवेंचर नोडल सेंटर, देवलाली
 
 
1.     हैंग ग्‍लाइडिंग के लिए एअरो नोडल सेंटर की स्‍थापना 1988 में स्‍कूल ऑफ आर्टिलरी देवलाली मे मुख्‍यालय दक्षिणी कमान के तत्‍वावधान में की गई थी । एयरो नोडल सेंटर (एच जी) 1993 में आर्मी एडवेंचर विंग (एएडब्‍लू), सैन्‍य प्रशिक्षण निदेशालय के अतंर्गत आया और इसे एएएनसी (एच जी) के रुप मे जाना जाने लगा । आर्मी एडवेंचर सेंटर फॉर हैग ग्‍लाइडिंग एंड फुट लॉन्‍च पावर्ड हार्नेस हैग ग्‍लाइडिंग (AACHG & FLPHHG)पुरे भारतीय उप महाद्वीपमे अपनी तरह की एकमात्र सुविधा है और देश के सशस्‍त्र बलो के कर्मियों और मित्रवत विदेशी लोगो को प्रशिक्षण प्रदान करता हे । 
 
2.     यह दुनिया मे एकमात्र हैग ग्‍लाइडर प्रशिक्षण सुविधा है जिसके पास लगातार दो विश्‍व कीर्तीमान है । नोड को उपनी स्‍वयं की प्रशिक्षण सुविधा स्‍थापित करने मे सहायता करने के लिए इस नोड से म्‍यांमार भेजे गए म्‍यांमार के व्‍यक्तियों को प्रशिक्षितकरने की जिम्‍मेदारी भी दी गई थी । इस नोड की कुछ उप‍लब्धियॉं इस प्रकार है :-
 
(ए)     विश्‍व कीर्तीमान अभियान 2018 (नया विश्‍वकीर्तीमान 465.33 किमी) 
 
(बी)    एफ एल पी एच जी दक्षिण कमान, पुणे के 124 वे स्‍थापना दिवस पर  उड़ान प्रदर्शन (अप्रैल 2018) 
 
(सी)   महू से देवलाली तक अभियान 600 किमी (फरवरी 2015) 
 
(डी)   म्‍यांमार सेना के कर्मियों के लिए हैग ग्‍लाइडिंग बेसिक कोर्स (नवम्‍बर 2013) 
 
(इ)    विश्‍व कीर्तीमान अभियान 2012 (303 किमी विश्‍व कीर्तीमान) 
 
 
तोपखाना स्कूल के तोपचियो का कीर्तीमान

विश्‍व कीर्तीमान अभियान : 2012

1.     स्‍कूल ऑफ आर्टिलरी ने “पावर्ड हार्नेस ग्‍लाइडिंग पर गंगानगर से उदयपुर तक राजस्‍थान की पूरी लंम्‍बाई के साथ 800 किमी की दुरी तय करने का एक अनूठा अभियान चलाया ।  इस अभियान का नेतृत्‍व कर्नल संजीव जरियाल और प्रभारी अधिकारी, एएएनसी (एचसीमेजर रमन मिश्रा ने किया इनकी टीम में नायब सुबेदार परमजीत सिंह, हवलदार मंगल देब बरमा, नायक गुरमीत सिंह, नायक एके सिंह, लांन्‍स नायक रविंदर सिंह, लान्‍स नायक ए सेल्‍वम, लान्‍स नायक संजीव कुमार और गनर पीके प्रधान भी शामिल थे । पायलट अपने हैग ग्‍लाइडर को विशेषहार्नेस से  प्रवाहित करते है जो कि 120CC.15 HP मोटर और एक कार्बन ग्रफाइट प्रोपेलर से संचालित थे ।  विशेष हार्नेस से पायलटो को हवा की स्थिति के आधार पर कई घंटो तक 70 किमी प्रति घंटे की गति से जमीन और क्रुज के घंटे स्‍पष्‍ट पैच से उड़ान भरने मे सक्षम बनाया ।

2.     17 फरवरी 2012 को बीकानेर से जोधपुर के दुसरे चरण मे नायब सुबेदार परमजीत सिंह ने पावर्ड हार्नेस ग्‍लाइडर्स श्रेणी मे घोसित लक्ष्‍य तक विना रुके उड़ान के लिए विश्‍व कीर्तीमान बनाया । उन्‍होने बीकानेर से 314 किलो‍मीटर की दुरी सैडरव, राजस्‍थान छह घंटे मे विना इंधन भरने की । यह एयरो क्‍लब ऑफ इंडिया के प्रतिनिधियों की गहरी नजर में हॉंसिल कियागया था । यह कीर्तीमान विश्‍व मे एयरो क्‍लब ऑफ इंडिया के लिए इस श्रेणी मे पहला कीर्तीमानहै ।  जिसे फेडरेशन ऑफ एरोनोटिक इंटरनेशनल (एफ ए आईमान्‍यता दी है । सभी विमान संबंधित विश्‍व रिकार्डो केा नियंत्रित करने वाली अन्‍तरराष्‍ट्रीय संस्‍था, लिम्‍का बुक ऑफ रिकार्डस ने भी उपल‍ब्धि को राष्‍ट्रीय कीर्तीमान के रुप में मान्‍यता दी है इसे रिकार्ड बुक के संस्‍करण मे अपडेट किया गया ।

 

दुसरा विश्‍व कीर्तीमान अभियान : 2018

3.     स्‍कूल ऑफ आर्टिलरी 465.33 किलोमीटर की दुरी तय करते हुए सूरतगढ़ से बाडमेर तक पावर्ड हार्नेस हैग ग्‍लाइडिंग पर अपना दुसरा विश्‍व कीर्तीमान स्‍थापित किया। इस अभियान का नेतृत्‍व कर्नल परविंदर सिंह और लेफ्टिनेंट कर्नल नील किशन, प्रभारी अधिकारी, एएएनसी, देवलाली की टीम के साथ किया । पॉंच अधिकारी, एक जेसीओ और १४ जवान की टीम के साथ किया । टीम का चयन स्‍कूल ऑफ आर्टिलरी देवलाली द्वारा प्रशासित नोडल सेंटर द्वारा किया गया था । आम तौर पर संचालित हैग ग्‍लाइडिंग मे लगभग 100 किलो‍मीटर की दुरी के लिए सहनशक्ति होती है, लेकिन टीम मे से एक सदस्‍य हवलदार (अब नायब सुबेदारसंजीवकुमार,एक गनर फ्‍लायर ने इसे 465.33 किलोमीटर की दुरी तक बढ़ाया इसक प्रकार अपने स्‍वयं के प्रशिक्षक नायब सुबेदार परमजीत सिंह द्वारा बनाये गए पिछले विश्‍व कीर्तीमान को तोड दिया और एक नया विश्व कीर्तीमान स्‍थापित किया । 

 
4.     यह कीर्तीमानदुनिया मे एयरो क्‍लब ऑफ इंडिया के लिए इस श्रेणी का दुसरा कीर्तीमान है,जिसे फेडरेशन ऑफ एरोनोटिक इंटरनेशनल (एफ ए आई) द्वारा मान्‍यता दी गई है । यह सभी विमानन संबंधी विश्‍व कीर्तीमानों को नियंत्रित करने वाली अन्‍तर्राष्‍ट्रीय संस्‍था है । लिम्‍का बुक ऑफ रिकार्डस ने भी उपलब्धि को राष्‍ट्रीय कीर्तीमान के रुप मे दर्ज किया है । उन्‍हे सर्टिफिकेट फेडरेशन एरोनाटिक इंटरनेशनल (एफ ए आई), लिम्‍का बुक ऑफ रिकार्डस, एशिया बुक ऑफ रिकार्डस और इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस से सम्‍मानित किया गया है । 08 मार्च 22 को उन्हे सेना अध्यक्ष द्वारा सम्‍मानित किया गया है