बेरछा झील -
यह एक कृत्रिम झील है, जो महू से लगभग नौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।यह झील नियमित प्रशिक्षण के अलावा नौका विहार एवम् नौकायन से संबंधित प्रतियोगिताओं और अन्य गतिविधियों के लिए आदर्श है।
पातालपानी जलप्रपात.
यह महू से पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्राकृतिक पर्यटन स्थल है.
मेहंदी कुंड जलप्रपात
यह प्राकृतिक झरना चोरल नदी पर स्थित है जो महू से दस किलोमीटर की दूरी पर है।
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जानापाव.
महू से ग्यारह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है परशुराम की जन्मभूमि और विख्यात ऋषि जमदग्नि का निवास स्थान जो जानापाव के नाम से प्रसिद्ध है।परशुराम मंदिर पहाड़ी क्षेत्र में बना है।
चोरल बाँध.
महू से लगभग चौदह किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक पर्यटन स्थल है।
महेश्वर किला.

महू से लगभग 62 किलोमीटर दूर,नर्मदा नदी के उत्तरी तट पर एक धार्मिक शहर है,जिसमें मंदिर,स्नान घाट और होल्कर राजवंश की प्रसिद्ध राजकुमारी अहिल्याबाई का महल है। इसे माहेश्वरी साड़ियों के लिए भी जाना जाता है
मांडू.
महू से लगभग 75 किलोमीटर दूर मांडू, जिसे ‘सिटी ऑफ जॉय’ भी कहा जाता है,अपने मांडू किले के लिए प्रसिद्ध है। यह एक ढलान पर स्थित है और जिसके चारों ओर 40 किलोमीटर लंबी प्राचीर (जीर्ण-शीर्ण) है। अंदरकईं मस्जिदें,मकबरें, और रहवासी घर हैं जिनमें से कुछ जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। कुल मिलाकर,मांडू हिंदू और मुग़ल वास्तुकला के मिश्रण और वैभव का शहर है। इसकी भव्यता निराली है। यह विंध्य पर्वतमाला से नर्मदा को निहारता है। कभी शाज़ियाबादके नाम से प्रसिद्ध मांडू रानी रूपमती और बादशाह बाज़बहादुर की अमर प्रेम कथा को आज भी खूबसूरती से बयान करता है।
इंदौर:
महू से 22 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी है। इसमें कई मल्टीप्लेक्स, मॉल और खाद्य-भंडार हैं। यह अपने कपड़ा बाज़ार के लिए भी प्रसिद्ध है। सन् 1947 तक यह होल्कर राजवंश द्वारा शासितइंदौर राज्य की राजधानी रहा। यह सरस्वती नदी के तट पर स्थित है और राव नंदलाल चौधरी (1710) द्वारा योजना बद्ध तरीके से बसाया गया। इस शहर का नाम इंदौर परमार शासक राजा भोज द्वारा 10वीं शताब्दी में निर्मित इंद्रेश्वर मंदिर के नाम से पड़ा।
उज्जैन.
इसे मंदिरों के शहर के नाम से जाना जाता है।यह महू से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर है। भारत के सात पवित्र शहरों में से एक है उज्जैन। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग यहाँ स्थित है। यह शिप्रा नदी के तट पर बसा सबसे प्राचीन और पवित्रतम शहर है। प्राचीन शिक्षा का केंद्र रहा उज्जैन संदीपनी,कालिदास,अशोक,और विक्रमादित्य की स्मृतियों का शहर है। यहाँ प्रत्येक बारह वर्षों में कुम्भ मेला आयोजित होता है।
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ओंकारेश्वर.
महू से 62 किलोमीटर की दूरी पर नर्मदा और कावेरी के संगम पर बसा ओंकारेश्वर लगभग 3000 साल पुराना शहर है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग यहाँ स्थित है।
देवास.
महू से लगभग 60 किलोमिटर की दूरी पर स्थित यह शहर मध्य प्रदेश के एक बड़े औद्योगिक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है।यह शहर चमड़ा उद्योग के लिए प्रसिद्ध है