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1.     सुदर्शन चक्र कोर की स्थापना 12 अगस्त 1917 को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान तुर्को-जर्मन गठबंधन के खिलाफ मध्य पूर्व में ऑपरेशन चलाने के लिए की गयी थी लेकिन कोर को 1918 में युद्ध के अंत में विस्थापित कर दिया गया था। उस समय कोर का फोर्मेशन चिन्ह "फोर-लीव्ड शेमरॉक” था, जो भाग्य का प्रतीक है । जिसमें रोमन संख्या VII को 21 दर्शाने के लिए तीन बार दोहराया गया था । 
 
2.     फरवरी 1942 में कोर को मध्य पूर्व में ऑपरेशन चलाने के लिए एक बार फिर से स्थापित किया गया था लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में कोर को फिर से विस्थापित कर दिया गया । दूसरे चरण की अवधि के लिए, कोर ने अपने बैज के रूप में एक घोड़े के छोटे हेराल्डिक को अपनाया, जो कि तेजी को दर्शाता है।
 
3.     मुख्यालय दक्षिणी कमान के अधीन जुलाई 1987 मे मद्रास मे एक मुख्यालय का गठन किया गया । इस मुख्यालय ने लेफ्टिनेंट जनरल ए एस कलकत, यूवाईएसएम, पीवीएसएम, वीएसएम के नेतृत्व में श्रीलंका में ऑपरेशन चलाया ।  ये ऑपरेशन सेना के तीनो अंगो द्वारा चलाये गये इसलिए तीनों सेनाओं के चिन्हो के साथ तिरंगे को फोर्मेशन ध्वज के रुप मे अपनाया गया था । 
 
 
 
4.     कोर का फोर्मेशन चिन्ह “सुदर्शन चक्र” एक दिव्य हथियार है और यह भगवान विष्णु से व्यक्तिगत रुप से जुडा हुआ है । यह सूर्य की उग्र ऊर्जा से बनाया गया है और विष्णु के दाहिने हाथ में है । यह दिमाग का प्रतीक है क्योंकि दिमाग की शक्ति अज्ञानता के सभी रूपों को नष्ट कर देती है, इसलिए चक्र सभी दानवों का संहार कर देता है ।