एचएडब्ल्यूएस

हम पहाड़ों पर नहीं, स्वयं पर विजय प्राप्त करते हैं।

                                                                                    एडमंड हिल्लरी


उच्च तुन्गता पद्धति स्कूल (High Altitude Warfare School) गुलमर्ग भारतीय सेना का शिक्षण संस्थान है, जहाँ भारतीय सशस्त्र सेनाओं, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल तथा मित्र देशों के सैनिकों को पहाड़ी इलाकों में ऑपरेशन करने के लिए प्रशिक्षित करता है। यह प्रतिष्ठान भारतीय सेना के सबसे पुराने प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है । यह प्रतिष्ठान पीर पंजाल और ग्रेटर हिमालय पर्वत श्रृंखला के पास तीन अलग-अलग स्थानों से प्रशिक्षण देता हैं

स्कूल का इतिहास गौरवशाली रहा है, स्कूल ने अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चुनौतीपूर्ण और प्रतिकूल मौसम की स्थिति में सफलतापूर्वक विभिन्न हिमस्खलन बचाव कार्यों को अंजाम दिया है। उच्च तुन्गता पद्धति स्कूल (High Altitude Warfare School) ने मित्र देशों के सैनिकों को प्रशिक्षण देकर और भारतीय सेना द्वारा किए जा रहे संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यासों में भाग लेकर सैन्य कूटनीति में बहुत अहम योगदान दिया है। स्कूल, सेना शीतकालीन खेल समुह (Army Winter Games Node) के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है, जो भारतीय सेना के शीतकालीन खेलों के एथलीटों को प्रशिक्षण देता है। यहाँ प्रशिक्षण प्राप्त किये शीतकालीन खेलों के एथलीटों ने शीतकालीन ओलंपिक सहित विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया है।

स्कूल सालाना 1,400 से अधिक सैनिकों को प्रशिक्षित करता है और इसके कुछ पूर्व छात्रों ने ऑपरेशन, पर्वतारोहण और शीतकालीन खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। 16 से अधिक मित्र  देश अपने सैनिकों को प्रशिक्षण के लिए भेज रहे हैं। स्कूल भारतीय सेना के सबसे अलंकृत प्रशिक्षण प्रतिष्ठान में गिना जाता है इसे तीन जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ यूनिट प्रशंसा से सम्मानित होने का गौरव प्राप्त है।