युद्ध स्मारक

मुख्यालय पूर्वी कमान का 102वां स्थापना दिवस मनाया गया

 

ऑपरेशन सद्भावना और ऑपरेशन समारितन योजनाओं के माध्यम से लोगों के जीवन में सार्थक परिवर्तन लाने के लिए पूर्व के संरक्षक के रूप में पूर्वी कमान को हर स्तर पर शामिल किया गया। जिसने स्थानीय आबादी के जीवन पर प्रभाव छोड़ा है। चाहे वह मानवीय सहायता हो, आपदा राहत अभियान हो या कानून और व्यवस्था बहाल करना हो। कमान ने अपनी सेना में देश के विश्वास को मजबूत करते हुए एक अनुकरणीय तरीके से खुद को प्रस्तुत किया है।

 

 

 

स्वर्गीय नायक तेपयाजो, कीर्ति चक्र (पी) स्मारक और द्वार का उद्घाटन

कारोगॉव, अरुणाचल प्रदेश में नायक तेपयाजो, कीर्ति चक्र (पी) के सर्वोच्च बलिदान को चिह्नित करने के लिए 30 नवंबर 2022 को एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। उनकी वीरता की मान्यता के रूप में, स्पीयर हेड डिवीजन और श्री पीडी सोना, स्पीकर ए.पी.एल.ए द्वारा स्मारक और द्वार समर्पित किया गया था। अरुणाचल प्रदेश के कारो गांव शि-योमी के रहने वाले दिवंगत नायक तेपयाजो 21 सितंबर 2008 को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ एक ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए थे।

 

 

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त्रिशक्ति कोर द्वारा विजय दिवस मनाया गया


त्रिशक्ति कोर ने दिनांक 16 दिसंबर 2022 को विजय दिवस के अवसर पर पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्थानों पर युद्ध स्मारकों पर पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया। सेवारत,सेवानिवृत्त कर्मियों के साथ-साथ नागरिक प्रशासन के अधिकारियों ने 1971 में बहादुरी से लड़ने वाले सशस्त्र बल के जवानों को श्रद्धांजलि दी। जिन्होंने युद्ध और राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन लगा दिया।

 

 

 

लेफ्टिनेंट जनरल आर.पी कलिता, आर्मी कमांडर, ईस्टर्न कमांड एंड वेटरन्स की ओर से ‘7वें सशस्त्र सेना वेटरन्स डे’ के अवसर पर मेजर जनरल एस.एस कहलों ने विजय स्मारक, फोर्ट विलियम पर पुष्पांजलि अर्पित की और राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि दी। 

 

 

 

लेफ्टिनेंट जनरल आर.पी कलिता, पूर्वी कमान, सेना कमांडर ने मुक्ति जोधाओं, पूर्व सैनिकों और सिविल अधिकारियों के साथ राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर जवानों के सम्मान में पुष्पांजलि अर्पित की।

 

 

 

ब्रिगेडियर होशियार सिंह के सम्मान में श्रद्धांजलि समारोह

 

1962 के युद्ध के दौरान ब्रिगेडियर होशियार सिंह, कमांडर 62 इन्फेंट्री ब्रिगेड के सर्वोच्च बलिदान के सम्मान में पुष्पांजलि समारोह 29 नवंबर 2022 को फुडुंग में आयोजित किया गया था। उनके पार्थिव शरीर को 1962 के युद्ध के दौरान बौद्ध भिक्षुओं द्वारा सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार तक संरक्षित रखा था।